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टैरो भविष्य बताने की आध्यात्मिक विधा है। इसका उपयोग सबसे पहले इजिप्ट में किया गया था लेकिन आज पूरे विश्व में ये विधा प्रचलित हो चुकी है। इस विधा में भविष्य बताने के लिए 78 कार्ड्स के डैक का उपयोग किया जाता है। इस पर बने चिन्हों और चित्रों के आधार पर भविष्य की गणना की जाती है। इन कार्ड्स पर मुख्य रूप से देवी देवताओं के चित्र शामिल होते हैं। टैरो कार्ड्स में इन देवों की आत्मा निवास करती है यही कारण है कि टैरो कार्ड रीडर का आस्तिक होना बहुत जरूरी है। कार्ड्स से जुड़ी आस्था पर ही यह निर्भर करता है कि भविष्य वाणियाँ कितनी सटीक होती हैं। एक टैरो रीडर को अपने कार्ड्स के साथ ज्यादा से ज्यादा समय साथ रहना चाहिए ताकि वो उन कार्ड्स के साथ ज्यादा से ज्यादा सामंजस्य बना सके।
यों तो ईश्वर ने भविष्य देखने की इज़ाजत मनुष्य को नहीं दी लेकिन कुछ चुनिन्दा लोगों को ईश्वर ने भविष्य से जुड़ी संभावनाओं को जान लेने का अधिकार जरूर दिया है। ज्योतिष की किसी भी विधा के जानकार लोग उन्हीं चुनिन्दा लोगों में शामिल हैं। वे आपको भविष्य की स्पष्ट तस्वीर भले ही ना दिखा पाएं लेकिन आपको आने कल में होने वाली घटनाओं की संभावनाओं से जरूर अवगत करा सकते हैं। एक भविष्य वक्ता के लिए कल्पनाशीलता, तर्कशक्ति, मानसिक दृढ़ता और आध्यत्मिक शक्तियों से युक्त होना बेहद जरूरी है। सिर्फ पुस्तकों के अध्ययन से कोई भी अच्छा भविष्य वक्ता नहीं बन सकता।
इसलिए जब भी आप अपने व्यक्तिगत सवालों के जवाब ढूंढने के लिए एक भविष्यवक्ता का चयन करें ; ये जरूर ध्यान रखें कि आपने जो व्यक्ति चुना है वो सक्षम है भी या नहीं।